सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नांची |
नुरवी; पुरवी प्रेम, कृपा जयाची |
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची |
कंठी झळके माळ, मुक्ताफळांची ॥१॥
जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती |
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती ॥धृ॥
रत्नखचित फरा, तुज गौरीकुमरा|
चंदनाची उटी , कुमकुम केशरा|
हिरेजडित मुकुट, शोभतो बरा |
रुणझुणती नूपुरे, चरणी घागरिया|॥२॥
जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती |
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती ॥धृ॥
लंबोदर पीतांबर, फणिवरबंधना |
सरळ सोंड, वक्रतुंड त्रिनयना|
दास रामाचा, वाट पाहे सदना|
संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना|॥३॥
जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती |
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती ॥धृ॥